स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने रेल मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से कहा है कि वे अमृत सरोवर मिशन के तहत देश भर के सभी ज़िलों में तालाबों/टैंकों से खुदाई की गई मृदा/गाद का उपयोग अपनी बुनियादी ढांँचा परियोजनाओं के लिये करें।
अमृत सरोवर मिशन:
परिचय:
अमृत सरोवर मिशन 24 अप्रैल 2022 को जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
लक्ष्य:
मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक ज़िले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।
कुल मिलाकर इससे लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण होगा।
मिशन इन प्रयासों को पूरा करने के लिये नागरिक और गैर-सरकारी संसाधनों को जुटाने को प्रोत्त्साहित करता है।
शामिल मंत्रालय:
यह मिशन 6 मंत्रालयों/विभागों के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है, अर्थात्:
तकनीकी भागीदार:
भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) को मिशन के लिये तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है।
विभिन्न योजनाओं के साथ पुनः ध्यान केंद्रित करना:
यह मिशन राज्यों और ज़िलों के माध्यम से मनरेगा, XV वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई उप योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी के अलावा राज्यों की अपनी योजनाओं पर फिर से ध्यान केंद्रित करके काम करता है।
लक्ष्य:
उपलब्धियाँ:
अब तक राज्यों/ज़िलों द्वारा अमृत सरोवरों के निर्माण के लिये 12,241 स्थलों को अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिनमें से 4,856 अमृत सरोवरों पर काम शुरू हो गया है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव:
आज़ादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 वर्ष और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिये भारत सरकार की एक पहल है।
यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि इसमें आत्मनिर्भर भारत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है। ।
12 मार्च 2021 को आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा शुरू हुई, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिये 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की जो 15 अगस्त 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी।