विदेश में जीत के बाद, सीरिया के राष्ट्रपति घर में भरोसा जीतने के लिए क्या ज़्यादा मेहनत कर रहे हैं?

विदेश में जीत के बाद, सीरिया के राष्ट्रपति घर में भरोसा जीतने के लिए क्या ज़्यादा मेहनत कर रहे हैं?

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द हिंदू: 6 दिसंबर 2025 को पब्लिश हुआ।

 

खबर में क्यों?

सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है—प्रतिबंध हटे, वैश्विक रिश्ते बहाल हुए, और कई देशों के दौरे किए।

लेकिन देश के भीतर वह गहरे सांप्रदायिक तनाव, कमजोर सुरक्षा ढांचे, और इज़राइल के हमलों के बीच भरोसा जीतने की चुनौती का सामना कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय सफलता और घरेलू अस्थिरता का यह विरोधाभास वैश्विक चर्चा में है।

 

पृष्ठभूमि:

पिछले वर्ष 8 दिसंबर को इस्लामवादी गठबंधन ने बशर अल-असद को हटाकर सत्ता संभाली।

शरा पहले जिहादी रहे हैं और अल-कायदा से जुड़े होने पर अमेरिका की "वांटेड" सूची में थे।

असद शासन के बाद एक अस्थायी संविधान लागू है, लेकिन इसे अत्यधिक केंद्रीकरण के लिए आलोचना मिल रही है।

विद्रोही गुटों को भंग किया गया, पर उनमें से कई को नई सेना और सुरक्षा बलों में शामिल कर लिया गया।

 

प्रमुख घटनाएं:

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने बड़े प्रतिबंध हटाए।

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें आतंकवादी सूची से हटाया।

रूस, गल्फ देशों, यूरोप और वॉशिंगटन की यात्राएँ कीं।

कई निवेश और पुनर्निर्माण के समझौते हुए।

 

घरेलू परिस्थितियाँ:

अलवी और द्रूज बहुल इलाकों में भयंकर नरसंहार—हजारों मौतें।

सरकारी बलों या उनके सहयोगियों पर हमलों का आरोप।

अल्पसंख्यक समुदायों में भय और अविश्वास बढ़ा।

कुर्दों के विलय वार्ता रुकी हुई।

संसद चयन प्रक्रिया अधूरी—70 सीटें अभी भी राष्ट्रपति की नियुक्ति से भरनी हैं।

 

मुख्य मुद्दे:

(a) अल्पसंख्यकों का भरोसे का संकट

हाल की हिंसाओं से अलवी और द्रूज समुदायों में भारी असुरक्षा।

सरकार का सुरक्षा तंत्र पर कमजोर नियंत्रण चिंता बढ़ाता है।

 

(b) बिखरा हुआ सुरक्षा ढांचा

पूर्व लड़ाकों को सेना में शामिल करने से समानांतर कमांड संरचना बन गई है।

वारलॉर्ड्स का सरकारी पदों पर काबिज होना भी समस्या बढ़ा रहा है।

 

(c) संवैधानिक और राजनीतिक चिंताएँ

अस्थायी संविधान:

सत्ता केंद्रित

विविधता का प्रतिनिधित्व कम

लोकतांत्रिक जवाबदेही कमजोर

 

(d) इज़राइल का दबाव

इज़राइल के लगातार हवाई हमले

दक्षिण में डी-मिक्लिटराइज़्ड ज़ोन की मांग

भौगोलिक अस्थिरता में वृद्धि

 

(e) सत्ता शून्य का डर

कई लोग शरा को अस्थिरता से बेहतर विकल्प मानते हैं।

देश में अलगाववादी आवाजें—तटीय क्षेत्र, स्वैदा, और कुर्द इलाकों में।

 

प्रभाव:

सीरिया पर:

राजनीतिक ढांचा अभी भी बहुत नाजुक।

सुरक्षा और विश्वास की कमी राष्ट्र-निर्माण को कठिन बनाती है।

क्षेत्र पर:

इज़राइल-सीरिया तनाव क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित करेगा।

तुर्की, ईरान, खाड़ी देशों और रूस की भूमिकाएँ बदली हैं।

 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर:

पुनर्वासित सीरिया निवेश और व्यापार के लिए अवसर देगा।

लेकिन चरमपंथियों के सरकारी ढांचे में शामिल होने पर चिंताएँ बनी हुई हैं।

 

आलोचनाएँ:

अलवी और द्रूज हिंसाओं को रोकने में विफलता।

इस्लामवादी गुटों पर नियंत्रण कमजोर।

अस्थायी संविधान समावेशी नहीं।

संसद गठन प्रक्रिया अधूरी और पक्षपाती।

 

शरा के पक्ष में तर्क:

अधिकतर सीरियाई उन्हें अराजकता से बेहतर विकल्प मानते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति से घरेलू वैधता बढ़ती है।

ढांचागत पुनर्निर्माण के शुरुआती कदम दिखाई दे रहे हैं।

 

आगे की राह:

शरा की मुख्य चुनौतियाँ:

एकीकृत और विश्वसनीय सुरक्षा ढांचा बनाना

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सांप्रदायिक तनाव खत्म करना

समावेशी संवैधानिक सुधार

कुर्द समझौते को आगे बढ़ाना

इज़राइल के साथ तनाव कम करना

संसदीय प्रक्रिया पूर्ण करना

युद्धग्रस्त अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण

यदि ये चुनौतियाँ हल न हुईं, तो सीरिया फिर से

गृहयुद्ध,विभाजन,और राजनीतिक शून्य का सामना कर सकता है।

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