द हिंदू: 22 नवंबर 2024 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों?
अडानी समूह, एक प्रमुख भारतीय समूह, यू.एस. DOJ और SEC द्वारा अपने अधिकारियों पर रिश्वतखोरी, प्रतिभूति धोखाधड़ी और निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाने के बाद जांच के दायरे में है। यह पहले के विवादों के बाद है, जैसे कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोप, जो समूह की चुनौतियों को बढ़ाते हैं। यू.एस. न्याय विभाग (DOJ) ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और कई व्यावसायिक सहयोगियों के खिलाफ पांच-गिनती का आपराधिक अभियोग जारी किया है। आरोपों में शामिल हैं: सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत का वादा करना। प्रतिभूति धोखाधड़ी करने की साजिश। झूठे बयानों के साथ वैश्विक निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को गुमराह करना। इसके अतिरिक्त, यू.एस. प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने अडानी ग्रीन एनर्जी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड से जुड़ी रिश्वतखोरी योजनाओं में कॉर्पोरेट प्रशासन की खामियों और भागीदारी का आरोप लगाते हुए नागरिक शिकायतें दर्ज की हैं।
अडानी समूह:
अडानी ग्रुप भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूहों में से एक है, जो ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। हाल ही में, इसे कॉर्पोरेट प्रशासन में खामियों और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण कड़ी जांच का सामना करना पड़ा है।
मामला क्या है?
मामला शामिल करता है:
इसका भारतीय व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इसका भारतीय राजनीति और भूराजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?