प्रख्यात हिंदी लेखक डॉ. माधव हरदा को उनकी साहित्यिक आलोचना पुस्तक 'पचरंग चोला पहर सखी री' के लिए 32वें बिहारी पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया है।
इसकी घोषणा के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 29 सितंबर 2022 को की गई। डॉ. माधव हरदा की पुस्तक 'पचरंग चोला पहर सखी री' मध्ययुगीन भक्त कवि मीरा के जीवन पर केंद्रित है।
यह पुरस्कार हर साल किसी राजस्थानी लेखक द्वारा हिंदी या राजस्थानी में पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है।
इसमें ₹2.5 लाख का नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
बिहारी पुरस्कार 1991 में के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित तीन साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है।
31वां बिहारी पुरस्कार मधु कांकरिया को उनके 2018 के उपन्यास 'हम यहां थे' के लिए दिया गया था।