इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की हाल ही में जारी 'लैंडस्लाइड एटलस' रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के दो पहाड़ी जिले, रुद्रप्रयाग और टिहरी, भूस्खलन के लिए सबसे अधिक प्रवण हैं।
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने देशभर में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील 147 जिलों की सूची जारी की है, जिसमें पहले नंबर पर रुद्रप्रयाग और दूसरे नंबर पर टिहरी है।
केरल के त्रिशूर और पलक्कड़ जिले क्रमशः तीसरे और पांचवें स्थान पर हैं।
रुद्रप्रयाग, जो सूची में सबसे ऊपर है, प्रसिद्ध केदारनाथ तीर्थस्थल भी है, जिसने 2013 में विनाशकारी आपदा देखी थी जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।
रुद्रप्रयाग के सिरोबगढ़ और नारकोटा क्षेत्र भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हैं। साल भर यहां भूस्खलन की खबरें आती रहती हैं।
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड में 11,000 से अधिक भूस्खलन दर्ज किए गए है।