उत्तराखंड ने अपनी स्वदेशी 'बद्री गाय' के आनुवंशिक विकास की योजना बनाई

उत्तराखंड ने अपनी स्वदेशी 'बद्री गाय' के आनुवंशिक विकास की योजना बनाई

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Category : State Published on: December 17 2022

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  • उत्तराखण्ड सरकार 'बद्री गाय' की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिंग-वर्गीकृत वीर्य और भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी के माध्यम से उसकी आनुवंशिक वृद्धि की योजना बना रही है।
  • बद्री नस्ल का नाम बद्रीनाथ में चार धाम के पवित्र मंदिर से लिया गया है।
  • यह केवल उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में पाई जाती है और पहले इसे 'पहाड़ी' गाय के रूप में जाना जाता था।
  • बद्री गाय उत्तराखंड की पहली पंजीकृत मवेशी नस्ल है जिसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा प्रमाणित किया गया है।
  • चूंकि बद्री गाय पहाड़ों में उपलब्ध जड़ी-बूटियों और झाड़ियों पर ही चरती है, इसके दूध में औषधीय सामग्री और उच्च जैविक मूल्य होते हैं।
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