केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की घोषणा करते हुए पांच भारतीय भाषाओं: मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दे दी।
जिससे भारत में शास्त्रीय भाषाओं की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को ‘‘शास्त्रीय भाषा’’ के रूप में भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का निर्णय लिया, जिसके तहत तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया तथा उसके बाद संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया।