तमिल महीने “आदि” के 18वें दिन दक्षिण भारत के सभी लोगों ने मानसून उत्सव “आदि पेरुक्कू” को भव्य तरीके से मनाया। मानसून का मौसम आदि माह में शुरू होता है और समृद्धि का प्रतीक है।
“आदि पेरुक्कू” को पथिनेट्टम पेरुक्कू के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार मानसून के मौसम और मिट्टी की उर्वरता का सम्मान करने वाला एक शुभ त्यौहार है।
इसे बोने, बीज बोने और अन्य प्रकार की वनस्पति उगाने का आदर्श समय माना जाता है। यह मानसून की बारिश को सम्मान देना है जिससे नदियाँ भर जाती हैं।