प्रसिद्ध ओडिया कवि और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत रथ का 91 वर्ष की आयु में भुवनेश्वर में निधन हो गया, जिससे ओडिया साहित्य पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा।
ओडिशा के पूर्व मुख्य सचिव और साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष, उनकी प्रतिष्ठित कृति 'श्री राधा' और अन्य कविताओं ने भारतीय साहित्य को समृद्ध किया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।