रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंडीगढ़ में अपनी तरह के पहले भारतीय वायु सेना (IAF) विरासत केंद्र का उद्घाटन किया।
इसकी स्थापना केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और भारतीय वायुसेना के बीच एक समझौता ज्ञापन के तहत की गई है, जिस पर पिछले साल हस्ताक्षर किए गए थे।
17,000 वर्ग फुट में फैला यह भारतीय वायुसेना का पहला विरासत केंद्र है और 1965, 1971 और कारगिल युद्ध और बालाकोट हवाई हमले सहित विभिन्न युद्धों में इसकी भूमिका को भित्ति चित्रों और यादगार वस्तुओं के माध्यम से दर्शाता है।
1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए मिग-21 लड़ाकू विमान और 1951 में भारत द्वारा निर्मित पहले विमान कानपुर-1 को भी विरासत केंद्र में जगह मिली है।
केंद्र ने विंटेज विमानों को भी प्रदर्शित किया और मानवीय सहायता और आपदा राहत के साथ-साथ इसकी लड़ाकू क्षमताओं में वायु सेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है।