Category : Business and economicsPublished on: February 04 2023
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 पेश करते हुए सरकारी एजेंसियों में सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड के उपयोग का प्रस्ताव दिया है।
पैन भारत के आयकर विभाग द्वारा जारी एक स्थायी खाता संख्या है। यह दस अंकों की अल्फ़ान्यूमेरिक संख्या है।
पैन उपयोगकर्ता आधार बढ़ाने और सरकारी संस्थाओं के तहत काम करने वाली प्रणालियों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए यह पहल शुरू की जा रही है।
पैन को वाहनों की बिक्री या खरीद, खाता खोलने, नकद भुगतान और 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन, प्रतिभूतियों की खरीद, संपत्तियों की बिक्री या खरीद और बहुत कुछ के लिए अनिवार्य है।
पैन को अनिवार्य बनाकर टैक्स के नियमों को सख्त बनाने की कोशिश की गई है।
इस कदम से केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाने और आयकर विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए पैन कार्डधारकों के दस्तावेजों का प्रबंधन करना आसान होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि जोखिम आधारित मानदंड अपनाकर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा।
इसे आधार का मूलभूत पहचान पत्र के तौर पर प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए डिजिलाकर के तहत व्यवस्था की जाएगी। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जिन कारोबारी प्रतिष्ठानों के लिए पैन होना अपेक्षित है, उनके लिए पैन को ही व्यक्तिगत पहचान पत्र के तौर पर मान्यता दी जाएगी।