ओडिशा मंत्रिमंडल ने ओडिशा सिविल सेवा (ओसीएस) (पेंशन) नियम, 1992 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो सरकारी सेवा में अपने माता-पिता की मृत्यु के मामले में एकल आश्रित ट्रांसजेंडर व्यक्ति को पारिवारिक पेंशन का लाभ उठाने की अनुमति देगा।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने फैसला किया कि 10 जनवरी, 2020 को या उसके बाद मरने वाले सरकारी कर्मचारी / पेंशनभोगी के ट्रांसजेंडर बच्चे को अविवाहित बेटी माना जाएगा और कोई अन्य बड़ी अविवाहित बेटी नहीं होने की स्थिति में पेंशन के लिए पात्र होगा।
इसके लिए ओडिशा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1992 में संशोधन किया जाएगा।
पहले पेंशन नियमों में बच्चे की परिभाषा में 'ट्रांसजेंडर' शब्द शामिल नहीं था।
राज्य सरकार ने सरकारी सेवक के दावेदार की पारिवारिक पेंशन दावेदार के रूप में पात्र होने के लिए अन्य सभी स्रोतों से मासिक आय सीमा 4,440 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी है।