राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत एक स्वायत्त संस्थान, लक्षद्वीप में एक हरित और स्व-संचालित विलवणीकरण संयंत्र स्थापित कर रहा है।
एनआईओटी लो टेंपरेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) तकनीक का उपयोग कर लक्षद्वीप के छह द्वीपों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने की पहल पर काम कर रहा है।
वर्तमान में, अलवणीकरण संयंत्र, जिनमें से प्रत्येक प्रतिदिन कम से कम 100,000 लीटर पीने योग्य पानी प्रदान करता है, डीजल जनरेटर सेट द्वारा संचालित होते हैं।
यह संयंत्र समुद्री जल को अलवणीकृत करने और पीने योग्य पानी का उत्पादन करने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) तकनीक से लैस होगा। एनआईओटी एक ऐसे द्वीप में संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, जहां नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की उच्च संभावना है।
यह संयंत्र दुनिया में अपनी तरह का पहला संयंत्र है क्योंकि यह स्वदेशी तकनीक, हरित ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं का उपयोग करके समुद्र के पानी से पीने का पानी उत्पन्न करेगा और यह स्व-संचालित है।