"भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य" वर्ष 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के रूप में मान्यता हेतु भारत का नामांकन होगा। इस नामांकन के बारह घटक भाग हैं- महाराष्ट्र में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला। वैविध्यपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों एवं क्षेत्रों में फैले हुए ये घटक मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं।
17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच विकसित हुए भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य तत्कालीन मराठा शासकों द्वारा परिकल्पित की गई एक असाधारण किलेबंदी और सैन्य प्रणाली का प्रतिनिधित्व करते हैं। किलों का यह असाधारण तन्त्र, पदानुक्रम, पैमाने और प्रतीकात्मक वर्गीकरण की विशेषताओं में भिन्नता लिए हुए भारतीय प्रायद्वीप में सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं, कोंकण तट, दक्कन के पठार और पूर्वी घाटों के लिए विशिष्ट परिदृश्य, क्षेत्र एवं भौगोलिक विशेषताओं को एकीकृत करने का परिणाम है।
महाराष्ट्र में विद्यमान 390 से अधिक किलों में से केवल 12 किले भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य के अंतर्गत चुने गए है और इनमें से आठ किले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) द्वारा संरक्षित हैं।