कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी की लोकप्रिय 'गंगा आरती' के समान हरिहर शहर में तुंगभद्रा नदी के तट पर 'तुंगभद्रा आरती' शुरू करने का फैसला किया है।
बोम्मई ने हरिहर में राघवेंद्र स्वामी मठ के पास तुंगभद्रा नदी के तट पर 30 करोड़ रुपये के दक्षिण भारत में अपनी तरह के पहले '108 योग मंडप' की आधारशिला भी रखी है।
इस परियोजना का प्रस्ताव पंचमसाली गुरुपीठ के प्रमुख वचनानंद स्वामी ने किया था।
तुंगभद्रा नदी के किनारे बसे हरिहर शहर का नाम हरिहर के ऐतिहासिक मंदिर के नाम पर पड़ा है।
नक्काशीदार मूर्तियों वाले मंदिर में देवता हरिहर हैं, जिसमें हरि का अर्थ विष्णु और हर का अर्थ शिव है। होयसल वंश ने लगभग 800 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया था।