सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शिवराज वी. पाटिल अपनी आत्मकथा 'टाइम स्पेंट डिस्टेंस ट्रैवल्ड' का विमोचन करने जा रहे हैं।
400 पृष्ठों की यह पुस्तक अंग्रेजी और कन्नड़ (कलेड़ा काला, नादेड़ा डूरा) में उपलब्ध होगी और 21 जनवरी को इसका विमोचन होगा।
84 वर्षीय पाटिल की शुरू में आत्मकथा लिखने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन शुभचिंतकों ने उन्हें अपने जीवन के अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आत्मकथा का उद्देश्य उनके 84 वर्षों में प्राप्त ज्ञान प्रदान करना है, जिसमें युवाओं को प्रेरित करने और उनकी जीवन यात्रा को प्रतिबिंबित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पुस्तक में उनके जीवन के पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें बचपन, शिक्षा, एक वकील के रूप में कानूनी कैरियर, न्यायिक कार्यकाल और सेवानिवृत्ति के बाद की गतिविधियां और सामाजिक सेवा शामिल हैं।