केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुणे में KPIT-CSIR द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ किया है।
इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन ईंधन सेल बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और हवा का उपयोग करता है, इस प्रक्रिया में केवल गर्मी और पानी का उत्पादन होता है।
बस में मौजूद हाइड्रोजन ईंधन सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन परमाणुओं को मिलाकर बिजली पैदा करते हैं।
बिजली, पानी और थोड़ी मात्रा में गर्मी पैदा करने के लिए दो गैसें एक पारंपरिक बैटरी सेल के समान एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल में प्रतिक्रिया करती हैं।
इस बिजली का उपयोग इलेक्ट्रिक मोटर्स द्वारा वाहन को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है।
पारंपरिक कोशिकाओं की तरह इस ईंधन सेल में एक इलेक्ट्रोलाइट के चारों ओर एक एनोड (नकारात्मक इलेक्ट्रोड) और कैथोड (पॉजिटिव इलेक्ट्रोड) शामिल है।