Category : Science and TechPublished on: April 21 2023
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ग्रह के चारों ओर एक कक्षा में एक उपग्रह लॉन्च करने के अपने अगले बड़े मिशन की तैयारी कर रहा है। ‘टीलियोस-2 मिशन’ अपने अब तक के 55वें मिशन पर इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो 22 अप्रैल को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से टेलीओएस-2 उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा।
‘टीलियोस-2 उपग्रह’ सिंगापुर की पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसे चौबीसों घंटे, सभी मौसमों में उपग्रह इमेजरी कैप्चर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एसटी इंजीनियरिंग द्वारा विकसित 750 किलोग्राम का उपग्रह इमेजरी प्रदान करेगा जिसका उपयोग हॉटस्पॉट निगरानी और धुंध प्रबंधन, हवाई दुर्घटना खोज और बचाव कार्यों और बहुत कुछ के लिए किया जा सकता है।
पीएसएलवी के एक्सएल संस्करण, जिसका उपयोग सी -55 मिशन के दौरान किया जाएगा, में जोर बढ़ाने के लिए 6 ठोस रॉकेट स्ट्रैप-ऑन मोटर स्थापित किये गये हैं।
यह रॉकेट 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षाओं में 1,750 किलोग्राम पेलोड और जियोसिंक्रोनस और जियोस्टेशनरी कक्षाओं में 1,425 किलोग्राम पेलोड लॉन्च करने में सक्षम है।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) तरल अवस्थाओं वाला पहला भारतीय प्रक्षेपण यान है। पीएसएलवी को 'इसरो का वर्कहॉर्स' कहा जाता है क्योंकि इसने लगातार विभिन्न उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया है।