Category : Science and TechPublished on: November 19 2021
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भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसे एक्सोप्लैनेट की खोज की है जो हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से भी बड़ा है।
एक्सोप्लैनेट 725 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और इसका द्रव्यमान बृहस्पति के लगभग 70% है, जिसका आकार लगभग 1.4 गुना बड़ा है।
यह खोज PRL के उन्नत रेडियल-वेग अबू-स्काई सर्च (PARAS) स्पेक्ट्रोग्राफ का उपयोग करके की गई, जो भारत में अपनी तरह की पहली तकनीक है।
यह दूरबीन माउंट आबू वेधशाला में स्थित है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा परिभाषित एक्सोप्लैनेट ऐसे ग्रह हैं जो अन्य सितारों की परिक्रमा करते हैं। ये ग्रह सौरमंडल के बाहर पाए जाते हैं। सौरमंडल के सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
एक्सोप्लैनेट के बारे में
सौर मंडल के बाहर के ग्रह को एक्सोप्लैनेट या एक्स्ट्रासोलर ग्रह के रूप में जाना जाता है। 1917 में, एक एक्सोप्लैनेट का पहला संभावित सबूत खोजा गया था, लेकिन उस समय इसे इस तरह से मान्यता नहीं मिली थी। 1992 में, पता लगाने की पहली पुष्टि की गई थी। उसके बाद, 1988 में पहली बार खोजे गए एक अलग ग्रह की पुष्टि हुई, जिसे एक्सोप्लैनेट के रूप में दर्ज़ा दी गई।