केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि बहुप्रतीक्षित हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण 2023 तक कर लिया जाएगा। इसे पहले कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलाई जाएगी और बाद में इसे अन्य स्थानों पर विस्तारित किया जाएगा।
इन हाइड्रोजन ट्रेनों में भाप के इंजनों का संशोधित संस्करण शामिल होगा जो पुराने सायरन और हरी भाप वाष्प से लैस होकर पटरियों पर वापस आएंगे।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रेलवे नॉर्थन रेलवे वर्कशॉप में हाइड्रोजन फ्यूल बेस्ड ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार कर रहा है। इसका परीक्षण हरियाणा के सोनीपत-जींद खंड पर किया जाएगा।
जर्मनी, फ्रांस और चीन जैसे कुछ देशों द्वारा हाइड्रोजन इंजन विकसित किए गए हैं।