गुजरात की हस्तकला 'माता नी पछेड़ी' को जीआई टैग मिला

गुजरात की हस्तकला 'माता नी पछेड़ी' को जीआई टैग मिला

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Category : State Published on: May 02 2023

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  • गुजरात की विशिष्ट हस्तकला 'माता नी पछेड़ी' को जीआई टैग दिया गया है।
  • गुजराती भाषा में 'माता नी पछेड़ी' शब्द का शाब्दिक अर्थ 'देवी के पीछे' होता है। पछेड़ी एक धार्मिक वस्त्र लोक कला है।
  • जिसमें केंद्र में देवी मां से जुड़ी कहानियां और किंवदंतियां उकेरी गई हैं।
  • परंपरागत रूप से इन पचेडियों को हाथ से पेंट किया जाता है या कपड़े पर ब्लॉक प्रिंट किया जाता है।
  • इस कला की उत्पत्ति लगभग 300 वर्ष पूर्व मानी जाती है।
  • 2020 में, गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (गुजकोस्ट) ने माता नी पछेड़ी को जीआई टैग के लिए आवेदन किया था।
  • गुजरात के उत्पादों के लिए यह 17वां जीआई टैग है।
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