अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए और मध्य प्रदेश के श्योपुर कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य (केएनपी) में रखे गए चीतों के लिए अब गांधी सागर अभयारण्य विकसित किया जा रहा है।
वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़ने के बाद उनके लिए पर्याप्त जगह नहीं बचेगी, इसलिए उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित करना जरूरी है।
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में विशाल खुले स्थान और झाड़ियों से घिरे घास के मैदान हैं, जो चीता के लिए एक आदर्श परिदृश्य है।
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश (मंदसौर और नीमच जिले) में राजस्थान सीमा के पास स्थित है।
इसे वर्ष 1974 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में ऐतिहासिक, पुरातात्विक और धार्मिक महत्व के कई स्थान हैं जैसे - चौरासीगढ़, चतुर्भुजनाथ मंदिर, भाकाजी रॉक पेंटिंग, नरसिंहझर हिंगलाजगढ़ किला, करकेश्वर मंदिर।