भारत की लोक कला और जनजातीय परंपराओं को दर्शाने वाली प्रदर्शनी- स्वदेश का दुबई में आयोजन किया गया।
इसका उद्देश्य मंजुला कला और गोंड कला सहित देश के कई क्षेत्रों के अल्पज्ञात कला-स्वरूपों से लोगों को परिचित कराना था।
इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर विदिशा पांडेय ने बताया कि बिहार में टिकुली और मंजूषा कला भी हैं लेकिन लोग इनके बारे में कम जानते हैं।
प्रदर्शनी में बिहार की मिथिला पेंटिंग, तमिलनाडु की कोलम कलाकृति, महाराष्ट्र की जनजातीय कला और केरल की विख्यात मुरली कला परंपरा मंडल कला थैरेपी को प्रमुखता से दर्शाया गया।