चीन ने गोबी रेगिस्तान में पिघले हुए थोरियम नमक से ईंधन वाले दुनिया का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना बनाई है, जिसका निर्माण 2025 में शुरू होगा।
इस संयंत्र का उद्देश्य गर्मी हस्तांतरण के लिए तरल नमक और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके सुरक्षित और अधिक पर्यावरण के अनुकूल परमाणु ऊर्जा विकसित करना है, जिससे पानी ठंडा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
रिएक्टर अपने प्रचालनों के लिए FLiBe (लिथियम फ्लोराइड और बेरिलियम फ्लोराइड का मिश्रण) और यूरेनियम टेट्रफ्लोराइड (UF4) का उपयोग करते हुए 20% से कम यूरेनियम-235 और लगभग 50 किलोग्राम थोरियम से समृद्ध ईंधन का उपयोग करेगा।