गृह मंत्रालय (एमएचए) ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर "छत्रपति संभाजीनगर" और उस्मानाबाद शहर का नाम "धाराशिव" करने की मंजूरी दे दी है।
औरंगाबाद का नाम मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के नाम पर रखा गया था, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र छत्रपति संभाजी, अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे।
संभाजी महाराज को 1689 में औरंगजेब के आदेश पर मृत्युदंड दिया गया था। उस्मानाबाद के पास एक गुफा परिसर का नाम धाराशिव, कुछ विद्वानों के अनुसार 8 वीं शताब्दी का है। उसी के नाम पर इस शहर का नाम धाराशिव रखने की मंजूरी मिली है।
दोनों शहरों का नाम बदलने की मांग पहली बार 1988 में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने उठाई थी।