केंद्र सरकार ने बलात्कार की शिकार नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने पर उनके परिवारों को छोड़ने के संबंध में 'मिशन वात्सल्य' योजना के तहत एक नई राहत योजना शुरू की है।
इसके तहत उन नाबालिगों को आश्रय, भोजन और कानूनी सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अनुसार, 'निर्भया योजना' के तहत शुरू की गई नई योजना का उद्देश्य गर्भवती नाबालिग पीड़ितों को संस्थागत और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना है, जिनके पास खुद की देखभाल करने का कोई साधन नहीं है।
इसके तहत जमीनी स्तर पर नाबालिग पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और बाल देखभाल संस्थानों के सहयोग से 'मिशन वात्सल्य' के प्रशासनिक ढांचे का भी इस्तेमाल किया गया है।
योजना के तहत यह अतिरिक्त सहायता 18 वर्ष तक की बालिकाओं के लिए बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और 23 वर्ष तक की युवतियों के लिए देखभाल केंद्रों के स्तर पर उपलब्ध होगी।
कानूनी सहायता के साथ-साथ, पीड़ित को अदालत की सुनवाई में भाग लेने के लिए सुरक्षित परिवहन भी प्रदान किया जाएगा।
नाबालिग पीड़ितों के लिए न्याय तक पहुंच की सुविधा के लिए, केंद्र ने देश में 415 पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना की है।