केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज भारतीय पुनर्चक्रण एवं पर्यावरण उद्योग संघ (आरईआईएआई) द्वारा 'अपशिष्ट पुनर्चक्रण एवं जलवायु परिवर्तन 2025' पर आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव - अपशिष्ट पुनर्चक्रण संसाधन दक्षता को बढ़ावा दे सकता है, प्रदूषण को कम कर सकता है और 2050 तक अनुमानित 2 ट्रिलियन डॉलर की परिपत्र अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकता है।